Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कलकत्ता विश्वविद्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के विरोध का सामना करना पड़ा
कलकत्ता विश्वविद्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के विरोध का सामना करना पड़ा। जब राज्यपाल कॉलेज स्ट्रीट स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में प्रवेश कर रहे थे, उस समय टीएमसीपी के सदस्यों ने सड़कों के किनारे खड़े होकर "गो बैक" के नारे लगाए और काले झंडे दिखाए। विरोध कर रहे छात्रों का आरोप था कि राज्यपाल ने नियमों का उल्लंघन कर विश्वविद्यालय में एक अवैध तरीके से कुलपति को नियुक्त किया है।
गुरुवार को राज्यपाल पीएचडी डिग्री धारकों को प्रमाणपत्र देने के कार्यक्रम में शामिल होने विश्वविद्यालय आए थे। बता दें कि राज्यपाल राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। टीएमसीपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूर्णकालिक कुलपति की नियुक्ति न होने के कारण विश्वविद्यालय में वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं हो पा रहा है। इस वजह से प्रमाणपत्र देने के कार्यक्रम को एक वैकल्पिक तरीके से दीक्षांत समारोह के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के अंदर सिर्फ कुछ चुनिंदा प्रोफेसरों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
वर्तमान में विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता हैं। विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए एक खोज समिति का गठन किया गया था, लेकिन इसे लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आठ जुलाई को पश्चिम बंगाल की सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने का आदेश दिया था।
इसके लिए तीन सदस्यीय खोज समिति का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश यूयू ललित कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए तीन नामों का चयन किया जाएगा। इन नामों को मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा, जो उनमें से एक को चुनेंगे और इसे राज्यपाल को भेजेंगे। राज्यपाल उसी व्यक्ति को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त करेंगे।